तमिलनाडु की पवित्र कला: तंजावुर पेंटिंग्स का अद्भुत संसार

तंजावुर पेंटिंग्स, जिन्हें “तंजौर पेंटिंग्स” भी कहा जाता है, भारतीय कला के सबसे ख़ास और पवित्र रूपों में से एक हैं। यह अनूठी कला तमिलनाडु के तंजावुर शहर में जन्मी और अपने चमकदार रंगों, सोने की पन्नी और बारीक नक्काशी के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हुई। ये पेंटिंग्स मुख्य रूप से हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित हैं और इनका धार्मिक, ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक महत्व अतुलनीय है।

इस लेख में, हम तंजावुर पेंटिंग्स के इतिहास, बनाने की विधि, विशेषताओं और आज के समय में इसकी प्रासंगिकता के बारे में विस्तार से जानेंगे।

तंजावुर पेंटिंग्स का इतिहास

तंजावुर पेंटिंग्स

तंजावुर पेंटिंग्स का इतिहास 16वीं शताब्दी से जुड़ा है जब मराठा शासकों ने तंजावुर पर शासन किया। इस कला पर विजयनगर साम्राज्य की कला शैली का गहरा प्रभाव देखा जा सकता है। 18वीं शताब्दी में ब्रिटिश शासन काल में यह कला अपने चरम पर पहुंची और तंजावुर के राजाओं ने इसे संरक्षण दिया।

महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य:

  • 16वीं-17वीं शताब्दी: मराठा शासकों ने इस कला को बढ़ावा दिया।
  • 18वीं शताब्दी: ब्रिटिश काल में यह कला और लोकप्रिय हुई।
  • वर्तमान समय: आज भी तंजावुर पेंटिंग्स कला प्रेमियों और संग्रहकर्ताओं के बीच बेहद पसंद की जाती हैं।

तंजावुर पेंटिंग्स की खास विशेषताएं

Tanjore Painting

तंजावुर पेंटिंग्स की कुछ अनूठी विशेषताएं हैं जो इसे दूसरी कला शैलियों से अलग करती हैं:

  1. सोने की पन्नी (गोल्ड फॉइल): इन पेंटिंग्स में सोने की पन्नी का उपयोग किया जाता है, जो इन्हें भव्य और आकर्षक बनाता है।
  2. जीवंत रंग: लाल, हरा, नीला और सुनहरा जैसे गहरे रंगों का प्रयोग होता है।
  3. थ्री-डी प्रभाव: रत्नों, कांच और धातु के टुकड़ों से पेंटिंग्स को उभारा जाता है।
  4. धार्मिक विषय: अधिकांश पेंटिंग्स हिंदू देवी-देवताओं जैसे कृष्ण, लक्ष्मी और शिव को दर्शाती हैं।

निर्माण प्रक्रिया

तंजावुर पेंटिंग बनाने की प्रक्रिया अत्यंत जटिल और समय साध्य है:

1. आधार तैयार करना

  • लकड़ी के फ्रेम पर कपड़ा या प्लायवुड चिपकाया जाता है
  • चूने और गोंद के मिश्रण से चिकनी सतह बनाई जाती है
  • कैनवास को पूरी तरह सूखने दिया जाता है

2. रेखांकन बनाना

  • पारंपरिक डिजाइनों का स्केच बनाया जाता है
  • मुख्य आकृति को विस्तार से चित्रित किया जाता है
  • पृष्ठभूमि की रूपरेखा तैयार की जाती है

3. रंग भरने की प्रक्रिया

  • प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है
  • पहले बेस कलर लगाया जाता है
  • फिर विस्तृत भागों को रंगा जाता है
  • छाया और प्रकाश का प्रभाव डाला जाता है

4. सोने की पन्नी लगाना

  • गोंद के साथ सोने की पन्नी चिपकाई जाती है
  • अतिरिक्त सोने को सावधानी से हटाया जाता है
  • पूरी पेंटिंग को पॉलिश किया जाता है

5. अंतिम सजावट

  • रत्नों और कांच के टुकड़ों से सजावट
  • विशेष डिजाइन के लिए ज़री का उपयोग
  • फिनिशिंग टच के रूप में सुरक्षात्मक कोटिंग
Lord Krishna

तंजावुर पेंटिंग्स बनाने की प्रक्रिया

तंजावुर पेंटिंग्स बनाना एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है। यहाँ इसके मुख्य चरण दिए गए हैं:

1. कैनवास तैयार करना

  • लकड़ी के फ्रेम पर कपड़ा या प्लायवुड चिपकाया जाता है।
  • चूने और गोंद का मिश्रण लगाकर एक सपाट सतह बनाई जाती है।

2. रेखांकन बनाना

  • पेंसिल या चाक से मुख्य आकृति का स्केच बनाया जाता है।

3. रंग भरना

  • प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है।
  • पहले बेस कलर लगाया जाता है, फिर विवरण भरे जाते हैं।

4. सोने की पन्नी लगाना

  • सोने की पन्नी को ध्यान से चिपकाया जाता है।
  • अतिरिक्त सोने को हटाकर डिजाइन को पॉलिश किया जाता है।

5. अंतिम सजावट

  • रत्नों, कांच और ज़री से पेंटिंग को सजाया जाता है।

Tanjore Painting

तंजावुर पेंटिंग्स का महत्व

  • धार्मिक महत्व: इन पेंटिंग्स को मंदिरों और घरों में पूजा के लिए रखा जाता है।
  • सांस्कृतिक विरासत: यह दक्षिण भारत की समृद्ध कला परंपरा को दर्शाता है।
  • कलेक्टर आइटम: कला प्रेमी इन्हें संग्रहित करते हैं।

तंजावुर पेंटिंग्स का आधुनिक स्वरूप

आज, तंजावुर पेंटिंग्स ने नए रूप ले लिए हैं:

  • डिजिटल तंजावुर आर्ट: कलाकार अब डिजिटल माध्यम से भी इसे बना रहे हैं।
  • घर की सजावट: लोग इन पेंटिंग्स को अपने घरों की शोभा बढ़ाने के लिए उपयोग करते हैं।
  • फ्यूजन आर्ट: कुछ कलाकार इसे अन्य कला शैलियों के साथ मिला रहे हैं।

असली तंजावुर पेंटिंग्स कहाँ से खरीदें?

अगर आप एक असली तंजावुर पेंटिंग खरीदना चाहते हैं, तो इन जगहों पर विचार करें:

  • तंजावुर, तमिलनाडु: स्थानीय कारीगरों से सीधे खरीदें।
  • ऑनलाइन मार्केटप्लेस: Amazon, Etsy और भारतीय हस्तशिल्प वेबसाइट्स।
  • कला प्रदर्शनियाँ: कल्चरल फेस्टिवल्स और आर्ट गैलरीज।

निष्कर्ष

तंजावुर पेंटिंग्स न सिर्फ एक कला हैं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर हैं। इनकी बारीकियाँ और आध्यात्मिक महत्व इन्हें विशेष बनाते हैं। अगर आप कला प्रेमी हैं, तो एक तंजावुर पेंटिंग जरूर खरीदें!

क्या आपने कभी तंजावुर पेंटिंग्स देखी हैं? हमें कमेंट में बताएं!

अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया, तो हमारा [bhimbetka painting ] भी जरूर पढ़ें! https://mangalatanjorepaintings.com/

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